दलहन की महत्वपूर्ण किस्में [ Agriculture Supervisor ]

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उड़द


उन्नत किस्में (Improved varieties) : कृष्णा, टी-9, पन्तयू-19, पन्तयू-30, बरखा, जवाहर उड़द-2, एल बी जी 201













मूंग




उन्नत किस्में (Improved varieties) : के. 851. एम. यू. एम-2. आर. एम. जी. 62, आर.एम. जी. 268. आर.एम.जी 344 (धनु), एम. एल. 267, एम. एल 131, गंगा-1, पूसा बैसाखी।













मोठ




उन्नत किस्में (Improved varieties) : आर.एम. ओ-40. आर.एम.ओ-225 (मरू वरदान), काजरी मोठ-1, काजरी मोठ-3. आर. एम. ओ-257. आर.एम.ओ-423. आर.एम. ओ-435 (मरू बहार), विकास, ज्वाला, जडिया ।








अरहर 




उन्नत किस्में (Improved Varieties)

शीघ्र पकने वाली किस्में पूसा 120, पुसा 855, पुसा 33, पुसा अगेती, प्रभात, आजाद, दुर्गा (आई.सी.पी.एल.-84031), प्रगति (आई.पी.एफ.-87), जाग्रती (आई.पी.एफ. - 151 ) ।

मध्यम समय में पकने वाली किस्में : टाईप-21, जवाहर अरहर - 4, आशा (आई.सी.पी.एल.- 87119) |

देर से पकने वाली किस्में : बहार, पुसा-9 | 
हाइब्रिड किस्में : पी.पी.एच- 4, आई.सी.पी.एच.-8


चाँवला/लोबिया 



उन्नत किस्में (Improved varieties) आर.एस.-9. सी.152. एफ. एस 68. आ.सी. 19. जे.सी. 5. एफ.टी.सी. 27. आर. सी. 101, जेसी. 10 |















चना




उन्नत किस्में (Improved varieties) : आर. एस. 10. आर.एस. 11, बी.जी. 209 (पूसा 209). जी.एन.जी. 663 (बरदान), जी.एन.जी. 469 (सम्राट). बी.जी.362, जी.एन. जी. 1292, प्रताप चना-1 इत्यादि ।












मूंगफली




उन्नतशील किस्में (Improved varieties) : मूंगफली के आकार प्रकार के अनुसार किस्मों को तीन वर्गो मे बाँट सकते हैं-

 I. झुमका या गुच्छेदार इस वर्ग के पौधे भूमि से ऊपर सीधे गुच्छों मे बढ़ते है। फलियाँ मुख्य जड़ के पास ही लगती है । दाना गुलाबी या लाल रंग का होता है तथा जल्दी पकने वाली होती हैं। इनकी उपज फैलने वाली किस्मों से कम होती है। ये भारी मृदाओं के लिए उपयुक्त होती हैं

II. विस्तार : इन पौधो की शाखायें जमीन के समानात्तार फैलती हैं। मूंगफली दूर-दूर लगती है दाना मोटा तथा भूरे रंग का होता है पकने में समय अधिक लगता है। येकिस्में रेतीली व दोमट मृदाओ के लिए उपयुक्त होती हैं। 
III. अर्द्ध विस्तारी : इन पौधो की शाखायें कम फैलने वाली होती हैं यह गुच्छेदार व विस्तारी के बीच की किस्में हैं। यह मध्यम उपज देने वाली होती हैं। राजस्थान के लिए उपयुक्त किस्मे निम्न प्रकार है -

 ए. के.12-24, ए.एच-114, जी.जी.2, जी.जी.20, गिरनार -2 (पी.बी. एस 24030), एच.एन. जी. 10, एच.एन.जी. 123, जे.एल.24, एम. 13. प्रताप मूंगफली आर.जी-141, आर.जी.382 (दुर्गा), आर.जी.425 (राज. दुर्गा), आर.जी. 510, आर.एस.बी 87. टी.ए.जी.-24, टी.जी. - 37 ए. टी.बी.जी. 39, टी.जी.39 ।

तिल




उन्नत किस्में (Improved varieties) : टी.सी. 25. प्रताप (सी-50) आर. टी-46. आर.टी.-125. आर. टी.-127. प्रगति (एन.टी 175), आर.टी.-3461









सोयाबीन




उन्नत किस्में (Improved varieties) : जे.एस.93-05, जे.एस.97-52, जे.एस. 335, एम.ए.यू.एस. 81. एन. आर. सी. 12. ( अहिल्या - 3). एन. आर. सी. 37 (अहिल्या - 4), पी.के.472, पी.के. 1024. प्रताप सोया-1, प्रताप सोया-2, प्रताप राज, सोया-3: आर. के. एस -45 (प्रताप सोया-45), प्रतिष्ठा, गौरव, मोनेरा ।

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