गुप्तकालीन कला पार्ट 3 | Development of Literature, Art and Architecture during Gupta RPSC Grade first

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 गुप्तकालीन साहित्य


- साहित्य की उन्नति की दृष्टि से गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग कहा गया है।


- गुप्तकाल की राजभाषा संस्कृत थी। अत: गुप्त काल में मुख्यतः संस्कृत साहित्य का सृजन हुआ था।


- गुप्तकाल के सभी अभिलेख प्राय: संस्कृत भाषा में ही मिलते है।


- इस काल को संस्कृत साहित्य का शास्त्रीय युग कहा गया है। (300-600 ई.)


- गुप्तकाल में ही मुद्रा पर छंदबद्ध संस्कृत लेख उत्कीर्ण है।


 धार्मिक साहित्य 


-गुप्तकालीन धार्मिक साहित्य के अन्तर्गत मुख्यतः पुराण सम्मिलित है।


- पुराणों की रचना गुप्तकाल में ही मानी जाने हैं। [ लोमहर्ष, उग्रस्रवा द्वारा ]


- पुराणों की संख्या 18 है।


- रामायण व महाभारत की रचना भी गुप्तकाल में ही मानी जाती है।


प्रमुख स्मृतियाँ :-

- नारद स्मृति, बृहस्पति स्मृति,कात्यायन स्मृति, पाराशर स्मृति, विष्णु स्मृति आदि की रचना गुप्तकाल में हुई है।


- सभी स्मृतियाँ विधि/ कानून से सम्बंधित है, लेकिन कात्यायन स्मृति आर्थिक विषयों से सम्बंधित है।


Image Description प्रशस्ति

प्रशस्ति

प्रशस्ति लेखक (Authors) शासक (Rulers)
प्रयाग प्रशस्ति हरिषेण समुद्रगुप्त
उदयगिरी प्रशस्ति वीरसेन चंद्रगुप्त - II
मन्दसौर प्रशस्ति वत्सभट्टी कुमार गुप्त- 1

लेखक

Author Works Details
कालिदास काव्य ग्रंथ
  • ऋतुसंहार: 6 ऋतुओं का वर्णन | खण्ड काव्य
  • मेघदूत: यक्ष की विरह गाथा का वर्णन
  • रघुवंश: 19 सर्गों का वर्णन
  • कुमार संभव: 17 सर्गों का महाकाव्य
नाटक
  • मालविकाग्निमित्र: कालिदास की प्रथम नाट्य रचना
  • विक्रमोर्वशीय: पुरुष और उर्वशी की प्रेम कथा
  • अभिज्ञान शाकुंतलम: कालिदास की सर्वोत्कृष्ट रचना
शुद्रक मृच्छकटिकम - शुद्रक गुप्तकाल का पहला नाटककार है।
- मृच्छकटिकम गुप्तकाल का एकमात्र दुखान्त (Sad End) नाटक है।
विशाखदत्त मुद्राराक्षस - विशाखदत्त का मुद्राराक्षस नायिका विहीन नाट्य रचना है।
- मुद्राराक्षस में मौर्यवंश की स्थापना की जानकारी मिलती है।
अमरसिंह अमरकोष - अमरसिंह चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक थे।
- इनकी रचना अमरकोष है, जो संस्कृत साहित्य का सबसे बड़ा शब्दकोष माना जाता है।
- अमरकोष का दूसरा नाम लिंगानुशासन है।
विष्णु शर्मा पंचतंत्र - प्रमुख रचना पंचतंत्र (कहानियों का संग्रह)
- विश्व की सर्वाधिक भाषाओं में अनुवादित होने वाली संस्कृत साहित्य या भारतीय साहित्य की पुस्तक।
- सर्वप्रथम पंचतंत्र का अनुवाद पहलव भाषा में हुआ था।
नारायण हितोपदेश - पंचतंत्र की भांति कहानियों का संग्रह
वात्स्यायन कामसूत्र
कामन्दक नीतिसार
चन्द्रगोमिन चंद्रव्याकरण
वज्जिका कुमौदी महोत्सव
वत्स भट्टी भटट्टी काव्य, रावणवध
ईश्वर कृष्ण सांख्य कारिका
भाष स्वप्न वासव दत्ता, प्रतिज्ञा योग, धरायण दरिद्र चारूदत्त, दूत घटोत्कच, दूत वाक्य
सिद्धसेन न्यायावतार, न्यायदर्शन
बुद्धघोष सामंत पासादिका, सुमंगलविलासिनी, विशुद्धिमग्ग
भारवी किरातार्जुनीयम, शिव व अर्जुन का संवाद

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