Sujas rajasthan current affairs pdf 20-11-2023

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Index

  1. अन्तरराष्ट्रीय व्यापार मेला
  2. सतरंगी सप्ताह
  3. होम वोटिंग सुविधा

अन्तरराष्ट्रीय व्यापार मेला

42वाँ अन्तरराष्ट्रीय व्यापार मेला

शुभारंभ: 14 नवम्बर, 2023

आयोजन स्थल: प्रगति मैदान, नई दिल्ली

विवरण: इस मेले में राजस्थान सरकार की तरफ से नए रूप में राजस्थान मंडप बनाया गया है। राजस्थान मंडप में आने वाले देशी-विदेशी आगंतुकों को राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध उत्पादों को देखने और खरीदने का अवसर मिलेगा। इस मेले में राजस्थान के उद्यमियों द्वारा लगभग 25 स्टॉल्स पर विभिन्न उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है। इसमें राजस्थान के राजस्थली सहित पर्यटन, खादी, महिला एवं बाल विकास विभाग और उद्योग विभाग भाग ले रहे हैं।

सतरंगी सप्ताह

मतदाता जागरूकता हेतु सतरंगी सप्ताह

संदर्भ: भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने हेतु सतरंगी सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है।

विवरण: इस दौरान सप्ताह के सात दिन अलग-अलग रंगों, की थीम पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम 16 से 22 नवम्बर तक संचालित होगा।

तिथि रंग कार्यक्रम
16 नवम्बर वॉयलेट लोक नृत्य
17 नवम्बर इंडिगो म्यूजिकल बैण्ड प्ले एवं वोटर प्लेज
18 नवम्बर ब्लू वॉकथॉन
19 नवम्बर ग्रीन ट्राई स्कूटी रैली
20 नवम्बर यलो फ्लैश मोबाइल जागरूकता रैली
21 नवम्बर ओरेंज महिला रंगोली एवं महिला मार्च
22 नवम्बर रेड दीपदान

होम वोटिंग सुविधा

संदर्भ: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में प्रदेश में पहली बार होम वोटिंग की सुविधा दी जाएगी।

पात्रता:

  • 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता
  • 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग श्रेणी के मतदाता
  • कोविड ग्रसित व्यक्ति

विवरण:

पात्र मतदाताओं को यह सुविधा विकल्प के तौर पर दी जाएगी। यदि पात्र मतदाता इस सुविधा का चयन करते हैं तो उन्हें चुनाव अधिसूचना जारी होने के 5 दिवस के अन्दर फॉर्म 12-डी भरना होगा। यह फॉर्म बी एल ओ के पास उपलब्ध होगा तथा इसे भरकर बी एल ओ को जमा कराना होगा। होम वोटिंग का चयन करने वाले मतदाताओं की सूची निर्वाचक अधिकारी द्वारा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को उपलब्ध करायी जाएगी। गठित मतदान दल इन मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करवाएगा। इस सुविधा हेतु प्रदेश में लगभग 18.05 लाख मतदाता पात्र होंगे। इनमें से 11,76,085 मतदाता 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं तथा 5,60,876 मतदाता 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग श्रेणी के हैं।

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